जिनको
मुश्किल से भूले थे हम फिर वही
याद आने लगे...
हम आज भी
दिल का आशियाना सजाने
से डरते हैं,
बागों
में फूल खिलाने से डरते
हैं,
हमारी
एक पसंद से टूट जायेंगे हज़ारों
दिल,
तभी तो
हम आज भी गर्लफ्रेंडबनाने
से डरते हैं…...
निकले
जब आँसू उसकी आँखों से,दिल करता है सारी दुनियां जला दूं,
फिर सोचता
हूँ होंगे दुनियां में उसके
भी अपने,
कहीं
अंजाने में उसे और न रुला
दूं....
रिश्ते
तोड़ देती हैं ग़लतफ़हमियाँ,
इंसान को
तन्हा कर देती हैं
ग़लतफ़हमियाँ,
न आने देना
दिल के पास कभी इनको,
क्यूंकी
दोस्त को दोस्त से जुदा कर
देती हैं
ग़लतफ़हमियाँ…
आँखों
को जब किसी की आदत हो जाती है
उसे देख के
ही दिल को राहत हो जाती है कैसे
भूल सकता है कोई किसी को जब
किसी को किसी की आदत हो जाती
है मोहब्बत
इस कदर हो जाती है उससे कि
रब से पहले उसकी इबादत हो जाती
है .....
मुहब्बत को जब खुदा ने बनाया होगा.
तो इक
बार खुद भी आजमाया होगा..
हम कौन
और तुम
हो क्या..
इसने तो
खुदा को भी रुलाया होगा....
छोटी से
मुलाकात प्यार बन जाएगी,
ये कौन जानता था,
मेरी अपनी
जिंदगी किसी और की बन जाएगी,
ये कौन जानता था, दिन
अधूरा सा होगा बिन उसके, ये
कब सोचा था, वो खुद
इतना करीब आएगी, ये
गुमान ना था, और
नसीब से लड़ना होगा उसे पाने
के लिए ये कभी सोचा ना था…