ग़लतियों
से जुदा तू भी नहीं मैं भी नहीं,
दोनो
इंसान हैं खुदा तू भी नहीं मैं
भी नहीं,
तू मुझे
और मैं तुझे इल्ज़ाम देते हैं
मगर,
अपने
अंदर झाँकता तू भी नहीं मैं
भी नहीं,
चाहते
दोनों बहुत एक दूसरे को हैं
मगर,
ये हक़ीक़त
है कि मानता तू भी नहीं मैं भी
नहीं.....
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