खामोशियाँ...
बुधवार, 30 मई 2012
राजे उल्फत....
कुछ राज हैं जो हम उनको बता नहीं पाते,
कुछ आंसू हैं जो हम उनको दिखा नहीं पाते,
एक हम बदनसीब हैं जो उनको याद तक नहीं!
और
एक वो खुशनसीब हैं जिन्हें हम भूला नहीं पाते!
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