खामोशियाँ...
बुधवार, 7 सितंबर 2011
लम्हा.....
कोई लम्हा इस कदर आता है
,
बीता हुआ कल नज़र आता है
,
यादें बच जाती हैं याद करने के लिए
,
वक़्त सब कुछ लेकर गुजर जाता है
.....
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें