खामोशियाँ...
बुधवार, 7 सितंबर 2011
अंदाज़........
ज़िंदगी
में
हर
दम
हंसते
रहो,
हँसना
ज़िंदगी
की
ज़रूरत
है
,
ज़िंदगी
को
इस
"
अंदाज़
"
में
जियो,
कि
ऐसा
लगे
आपको
तकदीर
की
नही
,
तकदीर
को
आपकी
ज़रूरत
है
!
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