खामोशियाँ...
रविवार, 14 अक्तूबर 2012
आँखों को जब किसी की आदत हो जाती है
उसे देख के ही दिल को राहत हो जाती है
कैसे भूल सकता है कोई किसी को
जब किसी को किसी की आदत हो जाती है
मोहब्बत इस कदर हो जाती है उससे
कि रब से पहले उसकी इबादत हो जाती है
.....
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