रविवार, 14 अक्तूबर 2012


हम आज भी दिल का आशियाना सजाने से डरते हैं,
बागों में फूल खिलाने से डरते हैं,
हमारी एक पसंद से टूट जायेंगे हज़ारों दिल,
तभी तो हम आज भी गर्लफ्रेंडबनाने से डरते हैं…...

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