गुरुवार, 28 मार्च 2013



आज रूठी हुई इक बहना बहुत याद आई!
अच्छा गुज़रा हुआ कुछ वक़्त बहुत याद आया!
मेरी आँखों के हर इक अश्क पे रोने वाली!
आज जब ये आँख रोई तो वो बहुत याद आई!
जो मेरे दर्द को सीने में छुपा लेती थी!

आज जब दर्द हुआ मुझको तो वो बहुत याद आई!

जो मेरी आँख में काजल की तरह रहती थी सदा!
आज काजल जो लगाया तो वो बहुत याद आई!
जो मेरे दिल के थी क़रीब फकत उस को ही!
आज जब दिल ने बुलाया तो वो बहुत याद आई!!!!!

मंगलवार, 5 मार्च 2013

हाल-ए-दिल....


♥••♥ अगर कहो तो हाले दिल का सुनाउं तुमको
♥••♥ तमाम उमर अपने सामने बिठाउं तुमको

♥••♥ मेरे ज़ख़्मों का हाल पूछो अगर मेरे महबूब
♥••♥ तो एक एक ज़ख़्म की तफ़सील सुनाउं तुमको

♥••♥ मौत की नींद से भी गहरी एक नींद होती है
♥••♥ तेरे बाजुओं का हो तकिया तो दिखाउं तुमको

♥••♥ यही दुआ है क़ि वो वक़्त आए एक बार फिर
♥••♥ तुम जो रूठो तो हाथ जोड़ कर मनाउं तुमको

♥••♥ हर शख्स में मुझे एक रक़ीब नज़र आता है
♥••♥ बोल ए मेरेहम नवाज?
♥••♥ किस किस की नज़र से बचाउं तुमको....



गजब है तेरा नक़ाब साक़ी!
पिला दे मुझको शराब साक़ी?
इन्हीं को छूने की आरज़ू है
ये होंठ हैं या गुलाब साक़ी?
सुना है तेरी ही हाथ से है
इसी का पीना शबाब साक़ी.
हश्र में कहती हैं तोड़ देंगे!
ये आप अपना हिजाब साक़ी.

ख्वाब ए जिंदगी


सपना है आँखों में मगर नींद कहीं और है

दिल तो है जिस्म में मगर धड़कन कहीं और है

कैसे बयान करें अपना हाल-ए-दिल

जी तो रहे है मगर हमारी ज़िंदगी कहीं और है......




याद-ए-दोस्ती......


याद-ए-दोस्ती...... 

तुम्हारी याद आती है तो हम आँसू बहाते हैं
,


गुज़ारे थे कभी जो साथ दिन वो याद आते हैं
..

इसी उम्मीद पे हम ने खुला रखा है दरवाज़ा
,

सुना है शाम होते ही बिचारे लौट आते हैं
..

हक़रत से ना देखो ऐ एह्ले
-साहिल तूफान को,

कभी ऐसा भी होता है किनारे डूब जाते हैं
..

किसी से क्या गिला ये दस्तूर है ज़माने का
,

नये जब यार मिलते हैं पुराने 
तो भूले ही जाते हैं... ♥ 

तेरी ये पलकें.....

                       तेरी ये पलकें.....
तेरी पलकों के झुकने से

सहर
--शाम हाथों पे


तेरा ही नाम लिखने से


तेरे तैश--अदावट से


तेरी बे-जाया शिकायत से


यहाँ तक के सनम मेरे

तेरी हर एक आदत से


मुझे अब भी मुहब्बत है.... 







                     ये बेटियाँ ................
ये बेटियाँ कैसी होती हैं?
ये परियों जैसी होती हैं
,
ये बात बात पे हँसती हैं,
ये बात बात पे रोती हैं,
दिल होता है इनका नाज़ुक सा,
...ये भोली भाली होती हैं,
बाबा की लाड़ली होती हैं,
माँ की दुलारी होती हैं,
गुडियों से खेलता बचपन इनका,
इतनी जल्दी कैसे बीत गया?
आँगन सूना कर जाती हैं,
बाबा का दर्द समझती हैं,
मां के आँसू पोंछती हैं,
ये बेटियाँ ऐसी होती हैं...♥  

ख्वाब.....


                 ख्वाब........ 



बारिश का मौसम था ठंडी हवाएँ थीं,
एक दोस्त बोला तो शादी किससे करेगा,
मैने कहा मैं शादी शुदा हूँ,
कहने लगा कौन है तेरा जीवन साथी,
मैने कहा यादें हैं किसी की,
कहने लगा किसने पढ़ा था तेरा निकाह,
मैने कहा मुस्तकबिल के ख्वाबों ने,
वो बोला कैसी गुज़र रही है जिंदगी
मैं बोलने ही वाला था कि 
आँखों से आँसू छलक पड़े,
वो बोला छोड़ क्यों नहीं देता उसे...
मैने कहा हक़मेहर में अपनी "ज़िंदगी" लिखी हुई है....