मंगलवार, 5 मार्च 2013


                     ये बेटियाँ ................
ये बेटियाँ कैसी होती हैं?
ये परियों जैसी होती हैं
,
ये बात बात पे हँसती हैं,
ये बात बात पे रोती हैं,
दिल होता है इनका नाज़ुक सा,
...ये भोली भाली होती हैं,
बाबा की लाड़ली होती हैं,
माँ की दुलारी होती हैं,
गुडियों से खेलता बचपन इनका,
इतनी जल्दी कैसे बीत गया?
आँगन सूना कर जाती हैं,
बाबा का दर्द समझती हैं,
मां के आँसू पोंछती हैं,
ये बेटियाँ ऐसी होती हैं...♥  

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