बुधवार, 7 सितंबर 2011

अपनी प्यारी बहन को समर्पित...

याद है मुझे हर पल तेरा भईया पुकारना,
कभी माँ मेरी और कभी दोस्त बन जाना,
देना नसीहतें मुझे और हिदायतें दोहराना,
याद है मुझे हर पल तेरा भईया पुकारना,


मेरी उदासी के अंधेरे में खुशी की किरण बन के आना,
तुम्हीं से सीखा मैने इस उदासी में खिलखिलाना,
शाम के ढलते तेरा मुझसे गुफ्तगू करना,
हर बात अपनी मुझे और मेरी सब सुनना,
बेवकूफियां मेरी सुनकर जोरों से खिलखिलाना,
हर गलती पर मेरी फटकार लगाना फिर,
बाद में फिर मुझे प्यार से समझाना,
लड़ना झगड़ना तेरा मुझसे और फिर दुलारना,
याद है मुझे हर पल तेरा भईया पुकारना,

वो राखी और भाई-दूज पे तुम्हारा टीका लगाना,
कुमकुम  में डूबी ऊँगली से मेरा माथा सजाना,
खिलाना मुझे मिठाई प्यार से और दिल से दुआ दे जाना,
बाँध के धागा कलाई पे मेरी अपने प्यार को जताना,
मन कहता है मेरा रहकर दूर तुमसे नही रहना,
दूर रह के तुझसे ये सच आज मैने जाना,
दुनिया में कोई तुझसे प्यारा मुझे होगा,
बिन तेरे एक लम्हा भी नही बिताना,
याद है मुझे हर पल तेरा भईया पुकारना... 
..............................तेरा भईया पुकारना... 

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