शनिवार, 17 सितंबर 2011


'अनजाने ही सही'



देखा न तुझे तो क्या पर दिल से महसूस किया,


अनजाने ही सही पर इसके एहसास पर नाज़ है,


जितना भरोसा था कल उससे ज़्यादा आज है,


ये रिश्ता वो नहीं जो गम और खुशी में साथ दे ना दे, 


ऐ बहना! तेरे अनजाने ही सही से कहने पर लगा,


ये रिश्ता वो है जो धागे की डोर से ना बँधा तो क्या, 


पर अनजाने ही में अपनेपन का एहसास दिला गया........


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