मंगलवार, 9 अप्रैल 2013

एहसास-ए-दिल...


सिर्फ़ एहसास होता है चाहत में...
इकरार नहीं होता....
दिल से दिल मिलते हैं मोहब्बत में..
इनकार नहीं होता...
यह कब समझोगे मेरे दोस्तो...
दिल को लफ़्ज़ों की ज़रूरत नहीं होती...
खामोशी सब कुछ कह देती है...
प्यार में इज़हार नहीं होता…...दिल से..........  

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